भजन - देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ

ओ३म् 

भजन - देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ

भजन-देना-हो-तो-दीजिए-जनम-जनम-का-साथ

देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ।
अब तो कृपा कर दीजिए, जनम जनम का साथ।
मेरे सर पर रख बनवारी अपने दोनों यह हाथ॥
देने वाले श्याम प्रभु से धन और दौलत क्या मांगे।
श्याम प्रभु से मांगे तो फिर नाम और इज्ज़त क्या मांगे।
मेरे जीवन में अब कर दे तू कृपा की बरसात॥
श्याम तेरे चरणों की धूलि धन दौलत से महंगी है।
एक नज़र कृपा की बाबा नाम इज्ज़त से महंगी है।
मेरे दिल की तम्मना यही है, करूँ सेवा तेरी दिन रात॥
झुलस रहें है गम की धुप में, प्यार की छईया कर दे तू।
बिन माझी के नाव चले ना, अब पतवार पकड़ ले तू।
मेरा रास्ता रौशन कर दे, छायी अन्धिआरी रात॥
सुना है हमने शरणागत को अपने गले लगाते हो।
ऐसा हमने क्या माँगा जो देने से घबराते हो।
चाहे जैसे रख बनवारी, बस होती रहे मुलाक़ात॥
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