कबीर साहेब के दोहे - बुरा जो देखन मैं चला

ओ३म् 

कबीर साहेब के दोहे - बुरा जो देखन मैं चला

कबीर-साहेब-के-दोहे-बुरा-जो-देखन-मैं-चला

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

भावार्थ: कबीर साहेब ने दोहे में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति दूसरे की बुराई ढूंढने निकलता है, तो उसे कोई बुरा व्यक्ति नहीं मिलता है। और वह व्यक्ति जब अपने अंदर झांकता है तब उसे पता चलता है कि दुनिया में सबसे बुरा व्यक्ति वही है।


------

Post a Comment

Previous Post Next Post