कबीर साहेब के दोहे - गुरु गोविन्द दोउ खड़े

 ओ३म्

कबीर साहेब के दोहे - गुरु गोविन्द दोउ खड़े


गुरु-गोविन्द-दोउ-खड़े

गुरु गोविन्द दोउ खड़े, काके लागूं पायॅं
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय।।

भावार्थ: इस दोहा के माध्यम से संत कबीर साहब कहते हैं कि जब गुरु और ईश्वर दोनों सामने  खड़े हों तो गुरु का ही चरण स्पर्श करना चाहिए, क्योंकि गुरु ने ही हमें ईश्वर  से मिलने का रास्ता दिखाया। इसलिए गुरु की महिमा सबसे ऊपर है।

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