मुझे अपनी शरण में ले लो राम


मुझे अपनी शरण में ले लो राम

मुझे अपनी शरण में ले लो राम ले लो राम -२
लोचन मन में जगह न हो तो -२
जुगल चरण में ले लो राम ले लो राम मुझे ...
जीवन देके जाल बिछाया
रच के माया नाच नचाया
चिन्ता मेरी तभी रुकेगी -२
जब चिन्तन में ले लो राम ले लो राम मुझे ...
तू ने लाखोँ पापी तारे
मेरी बारी बाज़ी हारे बाज़ी हारे
मेरे पास न पुण्य की पूँजी -२
पदपूजन में ले लो राम मुझे ...
 राम हे राम
राम हे राम
दर दर भटकूँ घर घर अटकूँ
कहाँ कहाँ अपना सर पटकूँ
इस जीवन में मिलो न तुम तो राम हे राम
इस जीवन में मिलो न तुम तो
मुझे मरण में ले लो राम ले लो राम मुझे ...

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